मोरो दादाजी ला आमी अजी कहत होता. उनको जनम ग्राम छिंदीटोला( बालाघाट) मा भयो होतो,उनको पिताजी किसान होता पर अजी को सपन तो काई और होता. नहान पन लक उनला पढ़ाई को जूनून होतो. इनका सब भाई गिन अच्छो लक किसानी को काम सिख गईन पर अजी को मन खेती मा कम अना पढाई मा ज्यादा होतो . आपरो सपन ला पूरा करन को जूनून होतो एको लाई वोय आपरो घर ला छोड़ कर फुफा को घर धारापुरी चली गयीन जहा स्कुल होतो अना आपरी पढ़ाई लिखाई पूरी करिन. एको बाद पटवारी लाइ उनको चयन भयों. ओनो जमानो मा यो भी बड़ी पोस्ट होती अना सहायक भूमि आलेखन अधिकारी को पद लक रिटायर भया.ग़ाव मा आय के खेती संभालीन, जागा , जमीन बड़ाइन, बड़ी इज्जत कमाईन.
मोरो अजी आता एनो दुनिया मा नाहत पर उनकी शिक्षा हमरो लाई प्रेरणादायी से.
✍🏼- बिंदु बिसेन , बालाघाट
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