कान्हा
लाल बृज को जग मा आयो,
बाल गोपाल सुदामा संग आयो।
बासुंरी को धुन मा राधा नाचे,
बाल रूप मा कान्हा सबला साँचे।
करू वर्णन मि नटखट बालपन,
मोहित होत सब नन्द आंगन।
मोहन, मदन, गोपाल मन हरण,
गिरधारी, नन्दलाल, हरिनाथ गोवर्धन।
श्री.नरेश कुमार गौतम (नवतो नवाडो)
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