Sunday, March 15, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 1 "माय वाग्देवी सरस्वती वंदना"- मनोज देशमुख पांढुर्णा

               माय सरस्वती
हरले मोरो अज्ञान ल, थोड़ो सो सहारा दे।
माय सरस्वती मला, ज्ञान को उजारा दे।।
तोरो संग साथ ले , ब्रह्मा न ज्ञान बढ़ायो।
चार वेद क लिख, जग सी अज्ञान हरायो।।
तीन लोक म तोरी, महिमा महान  हय।
ऋषि,मुनि गुणगावय, करय बखान हय।।
अँधारा म हय मु , हाथ थाम क साथ दे।
माय शारदा मला, बुध्दि को वरदान दे।।
- मनोज देशमुख
पांढुर्णा

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