Sunday, March 22, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 2 "अदरक"-डॉ शेखराम परसरामजी येळेकर नागपूर

                      अदरक

अदरक से मोठो गुणी, वु से आरोग्य को धनी
सब्जीला चवदार बनावसे, या से वकी कहानी

अदरकका कोवरा पान, चायमा टाको दुयचार
सुगंध वको  मोहक लगसे, चाय बनसे चवदार

अदरक भेली को काढा, बहु से गुणकारी
दवाई मुहुन पीवो, खॉशीपर पडसे भारी

पान लसुन अदरक का, देखो सीलपर बाटस्यानी
बनाव बढीया अक्स्या, होये मेजवानकी मेजवानी

नही रहे घरमा मसाला, नोको पडोजी झुरनी
अदरक मसाला को राजा, लसुन वकी रानी

✍ डॉ शेखराम परसरामजी येळेकर नागपूर

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