Sunday, April 5, 2020

काव्यस्पर्धा क्र.4 "आंदन"

काव्यस्पर्धा क्र.४

  विषय - आंदन
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लगेपरा बिया,चर्चा होनलगी
केतरा आंदन केतरा पैसा गी !!

रिवाज साजरो भारतीय रीति
नोहोतो अहित अथवा दुर्गती !!

टुरी जासे घर परको कं घर
आंदन कं द्वारा गरजू आधार !!

गलत् प्रकार भयासेती बुहू
मुहून प्रचार भेटसेती पाहू !!

मोल रव्हसे आंदन को सुंदर
का दुर्दशा भयी समाज अंदर ?!!

हुंडाबली नं करीस नाश बुहू
मर्यादा मां सब् जन पायजे रहू !! 

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✍रणदीप बिसने

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