Sunday, April 5, 2020

काव्यस्पर्धा क्र.4 "आंदन"


                   स्पर्धासाती 
          विषय = दहेज आदंन 
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मानव को जन्म मीलेव तुमला, 
मानवताकी बचाओ जी शाँन ,,,!!
दहेज प्रथा से जी मोठी कुरीती ,
बहुला जरायकर  लेसेत जाँन,!!

अनाचारको अतं करो जी तुम्ही, 
अज दहेज प्रथा करो तुम्ही बंद ,,!!
जिवनसगींनी मीलीसे जी तुमला ,
दहेजसाती विनय नोको करो भंग,,!!

बिह्या भयेव को बादमा जी भाऊ, 
मुस्कराहट नही नवरी को ओठमा,,,!!
दहेज को आतंकलक बिचार करसे, 
काहे नही मरगयी मायको पोटमा,,!!

ज्यो बाप  सोपसे दिल को टुकडा, 
वोला दहेज मा मागंसेव टिव्ही कार,,!
वंशावली सामने वा बढाये तुमरी 
नोको करो तुम्ही असो अत्याचार ,,!!

मोह दहेज को तुम्ही करो नोको, 
जिवनमा रव्हो जी सदा खुशहाल ,,!!
नारी जगत की जननी से भाऊ, 
कसे दास को दास हिरदीलाल,,,!!

                कवि 
      श्री हिरदीलाल ठाकरे 
   मु, भजियापार पो, चिरचाळबांध 
ता आमगाँव जिल्हा गोदिया माहाराष्ट्र

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