Monday, April 27, 2020

तिज


आयेव तीज को यव सण
बेटी आयी मायघर
ओटी भरो माया लका
डोरा आया पाणी भर।।

सकाळी सडा सारवन
कर बीऱ्यानी की तैयारी
पूर्वज आमरा पायेत
नही करता कोणती वारी।।

लाल रंग को करसा
भरो थंडोगार पाणी
तीन आंबा अंदर टाको
घरकी राजा अना राणी।।

कच्चो आंबा को पन्हो गोड
संगमा पसाई सेवयी
माया पीरीत लका खासे
नंणद संगमा भोवजाई।।

पानबडा की भाजी संगमा 
गोल गोल सुवारी सुंदर
नीवद देखावो पूर्वजला
अना ठेवो उनको आदर।।

भाशा भाशी अना नणंदला
लेवो कपडालत्ता नवा
आईबापशिवाय बेटी ला
देजो बंधु ओला प्रेमकी छाया।।

✍वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी आमगांव

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