!! प्रा. ओ.सी. पटले !!
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आपको नागपुर विद्यापीठ से इतिहास तथा राजनीतिशास्त्र में एम. ए. तथा शिक्षा शास्त्र में एम. एड. की उपाधि प्राप्त है । आपको नागपुर विद्यापीठ से अक्टूबर १९८९ में राजनीतिशास्त्र में एम. ए. की उपाधि सर्वाधिक गुणों के साथ संपादित करने का सम्मान प्राप्त है। आपका पूर्ण नाम ओंकारनाथ चैतराम पटले है। उनका जन्म १० फरवरी १९४६ को गोरेगांव तहसील जिला गोंदिया के ग्राम मोहाड़ी में हुआ। एक ख्यातनाम कृषक, मालगुजार परिवार में परवरिश के साथ ही साथ माँ हिरकन के संस्कार और प्रेरणा के कारण आपमें शिक्षा के प्रति रुचि जागृत हुयी। उसी प्रकार आपके नाना रामलाल टेंभरे के संस्कारों के कारण आप में रामायण के प्रति रूची विकसित हुयी। कालचक्र ने पिता की छत्रछाया बचपन में ही छीन ली थी।
भवभूति शिक्षण संस्था (आमगांव) में शिक्षक, प्राध्यापक, प्राचार्य पद पर कार्य करते हुये भवभूति यह आपके अध्ययन का एक महत्वपूर्ण विषय बन गया। आपके शैक्षणिक और ऐतिहासिक विषयों पर संशोधनात्मक लेख, विभिन्न विषयों पर गीत और कविताएँ नागपुर, पुणे, इलाहाबाद, आगरा और लखनऊ के पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित होते आये है। शिक्षण महिर्षि लक्ष्मणराव मानकर गुरुजी के जीवन - चरित्र पर रचित उनके प्रतिबिंब नामक पुस्तक का प्रकाशन महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ था, जो बहुत लोकप्रिय है। महाकवि भवभूति पर रचित आपके यह गीत संस्कारक्षम होने के कारण शिक्षा जगत एवं विभिन्न स्तर के छात्र - छात्राओं के लिये निश्चित रूप से लाभदायक साबित हूये है। आपके यह मनभावन गीत प्रबुध्द वर्ग एवं शिक्षा जगत में भवभूति ने लोकमंगल के सर्वोच्च बिंदु पर पहुंचाने में यादगार साबित हूये है। भवभूति ने लोकमंगल के लिए चैतन्यम सहित्य का सृजन किया। नयी पिढ़ी के भावों को परिष्कृत कर उनके साहित्यिक उत्थान को नयी दिशा देने के लिए भवभूति को जन - जन तक पहँचाना हम सभी का पावन कर्तव्य है।
आपकी आयु अब ७४ वर्ष हो चुकी है, लेकिन आपके साहित्य लगाव मे किंचित भी अंतर नही आया है। आपने वर्ष २०१९ मे "राजाभोज महाकाव्य" की रचना की। तथा आप प्रतिदिन सोसियल मिडिया द्वारा सामाजिक सुंदर जानकरिया हमे देते रहते है। आप हमारे समाज के वरिष्ठ साहित्यिक है, हम आपके दिर्घायु एंव उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते है।
- सोनू भगत
powarihistory.blogspot.com
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