स्व. श्री केशोराव पारधी आपका जन्म २१ अगस्त १९२९ को तुमसर शहर मे सामान्य कृषक परिवार मे हूआ। आपकी शिक्षा तुमसर मे ४थी कक्षा तक हूयी। आपके माता पिता की आर्थिक स्थिती कमजोर होने से आप आगे की पढ़ाई नही कर पाये। आपने खेती के कामों मे माता पिता को बचपन मे मदत किया करते थे। बाद मे आपने तुमसर के बडे व्यापारी श्री. दुर्गादास श्राफ के यहां नौकरी चालू की। आपकी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा देख आप दुर्गादासजी के विश्वासु बन गये। दुर्गादासजी आपको अपने बेटे जैसा मानते थे। आपकी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा देख कर आपको वर्ष १९५९ मे दुर्गादासजी ने नगरपरिषद तुमसर का पार्षद का चुनाव लढ़वाया। आपको उस चुनाव मे भारी मतों से सफलता प्राप्त हूयी। पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद १९६४ मे फिर से नगरपरिषद तुमसर का चुनाव आप भारी मतों से जिते एवं आप पहली बार नगरपरिषद तुमसर के नगराध्यक्ष बने। आप १९६४ से १९७२ तक नगराध्यक्ष पद पर रहे। इस कार्यकाल मे आपने वैनगंगा पेयजल योजना से तुमसर को समृद्ध किया। इस बिच आपने शिक्षा क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य किये एवं सड़के, एवं विकासकार्य को गती दी।
आप अल्पायु से ही भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस से संबधीत रहे थे। आपको वर्ष १९६७ मे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस से महाराष्ट्र विधानसभा तुमसर विधानसभा से उतारा गया एवं आपने इस चुनाव मे भारी मतों से जीतकर विपक्ष की जमानत जप्त कर दी थी। आप १९७२ मे फिर से तुमसर विधानसभा से भारी मतों से विजयी हूये। १९६७ से १९७७ तक आप महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रहे इस बीच आपने महत्वकांक्षी "बावनथडी सिंचाई योजना" को स्विकृती दिलाकर एक लाख एकड़ सिंचाइ वाले इस योजना से हरितक्रांती लायी। वही आपने इस काल मे अनेक कार्य विकासकार्य किये जिसका वर्णन बहूत लंबा है।
१९७७-७८ मे जनता पार्टी के शासनकाल मे प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया गया। उस समय देश मे अशांती की लहर फैल गयी थी। गिरफ्तारी के विरुद्ध हूये जनांदोलन का नगर नेतृत्व कर आपने स्वत: को गिरफ्तार करवा लिया था। आपकी पार्टी के प्रती निष्ठा देख आपको वर्ष १९८० के लोकसभा चुनाव मे भंडारा लोकसभा सिट से भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस ने उमेदवारी दी एवं आप भारी मतो से चुनकर संसद पहूंचे। आप महाराष्ट्र पोवार समाज से पहले व्यक्ती थे जो संसद पहूंचे थे।
आप सांसद बनते ही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, को तुमसर, तिरोडा, आमगाव मे स्टॉपेज् दिलवाया। वही आपने वरठी (भंडारा) ओव्हरब्रिज बनवाकर यातायात सुलभ बनाया। आपका रेल्वे क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य गोंदिया जबलपुर रेलमार्ग को बडी़ लाईन मे तब्दील करना रहा। आपके कार्यकाल मे यह कार्य बालाघाट तक ही हो सका। आपने इस कार्यकाल मे चिखला मे तांत्रिक महाविद्यालय तथा भंडारा मे टेक्निकल स्कूल की स्थापना करायी। गोंदिया का दुरदर्शन केंद्र एंवम इंजिनियरिंग कॉलेज आपके प्रयासो की ही देन है।
आप वर्ष १९८४ मे पुन: भंडारा लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद पहूंचे एवं आपने इस कार्यकाल मे शिक्षा के साथ बेरोजगारी दुर करने हेतू सदैव प्रयत्नशिल रहे है। क्षेत्र मे कृषी उद्योग जल के अभाव मे लोगों को आर्थिक राहत नही दे पाता था। शिक्षित बेरोजगारो की बढती संख्या देख आपने उद्योगो को अपने क्षेत्र लाने के लिए भरपुर प्रयास किये। आपके प्रयासो से युनिव्हर्सल फेरो अलाईज् खंबाटा तुमसर, सनफ्लॅग, ऐलोरा पेपर मिल, वैनगंगा सहकारी शक्कर मिल जैसे बडें उद्योग क्षेत्र मे ले आये।
आपने शिक्षा क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया है, आप सुदामा एज्युकेशन सोसाइटी तुमसर अध्यक्ष थे। एंव सहकार क्षेत्र मे भी आप BDCC बँक के अध्यक्ष रहे है। धार्मिक क्षेत्र मे आप हनुमान मंदिर ट्रस्ट चांदपुर के १९७० से फाउंडर ट्रस्टी रहे।
श्री केशोरावजी पारधी आप मृदुभाषी एंवम मिलनसार व्यक्ती थे। आपसे परिचित लोग बताते है जो आपके पास रोता हूआ आता था वह हंसता हूआ वापिस जाता था। आप जिले समस्या सुलझाने मे हमेशा अग्रस्थान पर रहते थे। आपका नम्र व्यक्तित्व तथा निष्ठा ने आपको जनता के हृदयो पर राज करते थे। आप वर्ष १९५९ से १९८९ तक निरंतर ३० वर्षो तक राजनिती मे सफलता प्राप्त करते रहे। आप १ बार नगरपरिषद तुमसर के सदस्य, २ बार नगराध्यक्ष, २ बार विधायक, एंव २ बार सांसद रहे है। आप वर्ष १९८९ मे जिवन का पहला चुनाव श्री खुशालचंद्रजी बोपचे से अल्प मतो से हार गये। उसके बाद आपको भारतिय राष्ट्रिय कांग्रेस ने विधानपरिषद की उमेद्वारी दी लेकिन वहां भी आपको सफलता प्राप्त नही हो सकी। इसके बाद आप सामाजिक संस्थाओ से जुड कर एंव व्यक्तिगत रुप से समाजसेवा मे लग गये। दि. २९/०७/२०१८ को हृदयघात से आपका ८९ की उम्र मे स्वर्गवास हूआ। आप वैनगंगा नदी को प्रानदाईनी मां मानते थे इसलिए आपकी अंतिम इच्छा के अनुसार आपका अंतिम संस्कार मां वैनगंगा के किनारे माडगी मे किया गया। आपका अपनी भुमी से प्रेम ने आपको हमेशा के लिए क्षेत्र के इतिहास मे अमर कर दिया।
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- सोनू भगत
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