Monday, June 1, 2020

पोवारी शब्द एंव उनके हिंदी अर्थ

खाद्यानों के नाम

चावल = चाउर
बेसन = चून 
गेहू - गहू
आचार = रायतो
बैगण = बगन
वडी = बडी
उडद = उडीद, 
लखोरी = लाखोरी 
अलसी = अरसी 
नमक = नोन 
लाल मिर्ची  = तीखो 
हल्दी = हरद, हिरोती
जीरो =  जीरो
भाजीभुरका = कुकसा
चावल का  आटा = पीठ 
गहू का आटा = कणिक
उड़द का आटा = कर्ना
दूध = दुध 
दही = दही 
मठ्हा = मही 
घी = घीव
प्याज=  कांदा
लैसन = लसुन
पशु-पक्षियों, जंगली जानवरों व अन्य जीव-जंतुओं का पंवारी/ पोवारी नाव
पोपट = मिटू,राघो, हो-या
डुकर = बंध्या, रानमा को
साप = सरप
बगड़ा = ढोकरी
बाघ = बाबाजी
खार = खराड़ी
कौवा = कावरा
गिलहरी = खाडी
बोदा = हल्ल्या 
बकरी = सेरी 
बिल्ली = बिल्लू
छिपकली = इजगुर 
गिरगीट = डोकेला 
चिटी = मुंगी 
चिटा = चाटा 
मच्छर = मुंगसा 
नेवला = मुंगुस 
काक्रोच = झुलीर 
खरगोश = ससा 
कछुआ = कासु
केचुआ = गेंडरू
बंदर = बंदरा
बकरी = शेरी
भैस = भस
बिल्ली = बिलाई
कुत्ता= कुतरा
शेर = बाघ
तळस = तळस्या
हिरन = हरीन
बैल = बइल
उंट = हुट
घोडा = घोड़ा
मुर्गी = कोंबळी
मुर्गा = र्कोंबळा
नेवला = मुंगुस
तित्तर = तीतीर
मछली = मसरी
गाय का बछळा = बासरु
कुत्ते के बच्चे= कुतरा का पीला
टिडे =  फाफा
काक्रोच = झुलीर
मच्छर = मोंगसा
बत्तर = बत्तरा
 किटक = किळा
चूहा = ऊंदरा
बड़ा चूहा= घुस
ग्रास हॉपर= हत्तीफाफा
मानमोळी = सोनपाखरु
बेर में की इल्ली = बोर मा की ईल्ली
तुवल में की इल्ली= तोर की अळी
गिलहरी = खाड्डी
कौआ = कावरा
छोटी मक्खी = मूंगसी
लुंगशी, मुंगशी = लहान माखी.
भक्या = मोठो बन्दर, कडप को मुखिया. 
पिल्ली = बन्दर को बच्चा. 
डोकुल्या = सराड़ा. 
मेंढकी = भेपकी. 
मक्खी = अंधरी माखी = खार खंदन को समय, अना नांगर हाकलन को समय चाबने वाली मोठी माखी. 
चिटा = बांबुड़ा = लाल कलर का चाटा सरीखा दिसणे वाला, अना झाड पर पाना ला जोड़कन पुड़ा बनायकन रव्हसेती.
तेलमुंगी = कारी वाली मुंगी
सात बिंदया कीड़ा = एक कीड़ा जो परा पानी को समय अक्सर दिस से.
मखमली कीड़ा = लाल मखमल सारखो एक पाखरू रवसे गोसाई
ढेकुन = ढेकला 
दिमक = उधई
छीपकली = ईजगुर /बिसमर 
मछली = मसरी 
मुर्गा = कोंबडा
मुर्गी = कोंबडी
कुत्ता = कुत्रा
कुत्ती = कुत्री
गिलहरी = खाडी
बिल्ली = बिलाई
तिलचठ्ठा  = तेल किडा
मेंढक/मेढकुरी  = भेपकी/भेपका
साप -सरप
अन्य शब्द
जवर-जवर = जवळ जवळ, पासमे,नजदीक,
छूटपुट=लहान = सहान , छोटे छोटे
बलबुता = भरोसा, विश्वास, 
रिस्तानाता = रिस्तेदारी, नातेवाईक 
पसारा = विस्तार,ऐसपैस 
मुलुख = प्रदेश
खटपट = प्रयास, प्रयत्न 
बढ़ावनो = विस्तार करना
कई = अनेक, विविध प्रकारके 
आवसे = आना,आगमन, 
आयकन = सुनना, ऐकिवात 
परम = सर्वोच्च 
कोन्ही = कोण,
कसेती = बोलना, कहना, 
स्याहनो = होशियार, घर प्रमुख, 
बईल = बैल,
अंधारो = काळोख, अंधेरा, 
आपरो = आपलो,अपने 
पिरम = प्रेम, 
भानी = जेवनकी कासोकी मोठी थाली 
बेगरचार = पैतृक संपती के हिस्से, बटवारा, विभाजन,वाटणी 
आसरो = सहाय्यता,मदत, 
हारजीत = जय-विजय-पराजय,
मोरो = माझे,मेरा, 
तोरो = तुझे, तेरा,

- संकलक= सौ. छाया सुरेंद्र पारधी 

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