खाद्यानों के नाम
चावल = चाउर
बेसन = चून
गेहू - गहू
आचार = रायतो
बैगण = बगन
वडी = बडी
उडद = उडीद,
लखोरी = लाखोरी
अलसी = अरसी
नमक = नोन
लाल मिर्ची = तीखो
हल्दी = हरद, हिरोती
जीरो = जीरो
भाजीभुरका = कुकसा
चावल का आटा = पीठ
गहू का आटा = कणिक
उड़द का आटा = कर्ना
दूध = दुध
दही = दही
मठ्हा = मही
घी = घीव
प्याज= कांदा
लैसन = लसुन
पशु-पक्षियों, जंगली जानवरों व अन्य जीव-जंतुओं का पंवारी/ पोवारी नाव
पोपट = मिटू,राघो, हो-या
डुकर = बंध्या, रानमा को
साप = सरप
बगड़ा = ढोकरी
बाघ = बाबाजी
खार = खराड़ी
कौवा = कावरा
गिलहरी = खाडी
बोदा = हल्ल्या
बकरी = सेरी
बिल्ली = बिल्लू
छिपकली = इजगुर
गिरगीट = डोकेला
चिटी = मुंगी
चिटा = चाटा
मच्छर = मुंगसा
नेवला = मुंगुस
काक्रोच = झुलीर
खरगोश = ससा
कछुआ = कासु
केचुआ = गेंडरू
बंदर = बंदरा
बकरी = शेरी
भैस = भस
बिल्ली = बिलाई
कुत्ता= कुतरा
शेर = बाघ
तळस = तळस्या
हिरन = हरीन
बैल = बइल
उंट = हुट
घोडा = घोड़ा
मुर्गी = कोंबळी
मुर्गा = र्कोंबळा
नेवला = मुंगुस
तित्तर = तीतीर
मछली = मसरी
गाय का बछळा = बासरु
कुत्ते के बच्चे= कुतरा का पीला
टिडे = फाफा
काक्रोच = झुलीर
मच्छर = मोंगसा
बत्तर = बत्तरा
किटक = किळा
चूहा = ऊंदरा
बड़ा चूहा= घुस
ग्रास हॉपर= हत्तीफाफा
मानमोळी = सोनपाखरु
बेर में की इल्ली = बोर मा की ईल्ली
तुवल में की इल्ली= तोर की अळी
गिलहरी = खाड्डी
कौआ = कावरा
छोटी मक्खी = मूंगसी
लुंगशी, मुंगशी = लहान माखी.
भक्या = मोठो बन्दर, कडप को मुखिया.
पिल्ली = बन्दर को बच्चा.
डोकुल्या = सराड़ा.
मेंढकी = भेपकी.
मक्खी = अंधरी माखी = खार खंदन को समय, अना नांगर हाकलन को समय चाबने वाली मोठी माखी.
चिटा = बांबुड़ा = लाल कलर का चाटा सरीखा दिसणे वाला, अना झाड पर पाना ला जोड़कन पुड़ा बनायकन रव्हसेती.
तेलमुंगी = कारी वाली मुंगी
सात बिंदया कीड़ा = एक कीड़ा जो परा पानी को समय अक्सर दिस से.
मखमली कीड़ा = लाल मखमल सारखो एक पाखरू रवसे गोसाई
ढेकुन = ढेकला
दिमक = उधई
छीपकली = ईजगुर /बिसमर
मछली = मसरी
मुर्गा = कोंबडा
मुर्गी = कोंबडी
कुत्ता = कुत्रा
कुत्ती = कुत्री
गिलहरी = खाडी
बिल्ली = बिलाई
तिलचठ्ठा = तेल किडा
मेंढक/मेढकुरी = भेपकी/भेपका
साप -सरप
अन्य शब्द
जवर-जवर = जवळ जवळ, पासमे,नजदीक,
छूटपुट=लहान = सहान , छोटे छोटे
बलबुता = भरोसा, विश्वास,
रिस्तानाता = रिस्तेदारी, नातेवाईक
पसारा = विस्तार,ऐसपैस
मुलुख = प्रदेश
खटपट = प्रयास, प्रयत्न
बढ़ावनो = विस्तार करना
कई = अनेक, विविध प्रकारके
आवसे = आना,आगमन,
आयकन = सुनना, ऐकिवात
परम = सर्वोच्च
कोन्ही = कोण,
कसेती = बोलना, कहना,
स्याहनो = होशियार, घर प्रमुख,
बईल = बैल,
अंधारो = काळोख, अंधेरा,
आपरो = आपलो,अपने
पिरम = प्रेम,
भानी = जेवनकी कासोकी मोठी थाली
बेगरचार = पैतृक संपती के हिस्से, बटवारा, विभाजन,वाटणी
आसरो = सहाय्यता,मदत,
हारजीत = जय-विजय-पराजय,
मोरो = माझे,मेरा,
तोरो = तुझे, तेरा,
- संकलक= सौ. छाया सुरेंद्र पारधी
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