सारो जग की जग जननी नारी तु नारायणी
धरती को गर्भ लक जनम भयेव जानकी रानी.
द्वापार मा बन जासे स्याम की राधारानी
अधर्म को विनाश करन होय जासे महाकाली.
सत युग द्वापार मा मर्यादा पुरुषोत्तम ला
धर्म मानव रक्षन साती अवतरीत कर से नारी.
क्षत्रीय भरतरी विक्रम मुंज भोज पोवार की जननी
सती सावित्री मीरा जलन कुंड की नारी तु नारायणी.
नारी ला तीनही लोग मा कोनी नही जान सकेव
आयी आंग पर त बन जासे झासी की रानी.
आब बादर मा भ्रमण कर आव से नारी
जग मा कोणी लक कम नही रव्ह नारी.
जब बहीन भौवजी मा रूप धारण कर से नारी
पेरम की मुरत रव्ह से यशोदा माय रानी.
जब खुद समर्पण मा पत्नी रव्ह से नारी
होसेस जिनगी साती नारी तु नारायणी.
मामी मावशी फुफा बाई बन से नारी
त वा पेरम की सत्कार मूर्ति बन जासे नारी.
संसार का सारा धाम अवतारी चरन माय को
कर्तव्य की साधना साक्षात जगजननी नारी तु नारायणी.
श्री छगनलाल रहांगडाले,,, खापरखेडा
दि. 17 /05 /2020
9158552860
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