Thursday, June 18, 2020

मन बोली को मंदिर


मन एक मंदिर से,
जीवन को नीर से ll

मन को अंदर बी एक मंदिर से,बिचार लक अधिर से ll

मन करे आत्मा की पुकार,
बिचार करे समाज को बिचार ll

शरीर करे देह रूप को बिचार,
देह कहे येवच मोरो संसार ll

आत्मा करे देह मुक्ति को बिचार,
मन करे माया रूपी संसार को बिचार ll

चिंतन करे समाज को बिचार,
व्यक्तित्व करे समाज की
पहचान ll

जीवन होये वोको महान, जो माने समाज ला मंदिर समान ll

विनाश करे समाज को व्यक्ति नादान, जो समझे समाज लक खुद ला महान ll

सामाजिक जिवन आय व्यक्ति की सही पहचान,काज समाज को करो महान ll

बोली भाषा की देन महान, भाषा देसे जग सन्मान ll

जो तोड़े बोली भाषा की पहचान,
नही भेटे कही व्यक्तिला मान ll

जागो जागो पोवार बंधुओं महान,
पोवारी बोली भाषा आय आमरी पहचान ll
************************
प्रा.डॉ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो.दासगाँव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४

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