बरसात
मिल गयी गरमीलका राहत जेकी होती सबला बाट
देखो मावशी बाई आय गयी बरसात !!१!!
आम्ही कास्तकार ला खेती ला नवरी सारखी सजवन
की लगी से आब आस
बादल को गर्जन आयक शान जंगलमा नाचसे मोर!!२!!
जहाँ नी नजर वाहा परा पाणीच पाणी देखो बरसात
को कमाल लक तेज भय गयी से नदी की चाल!!३!!
मसरी पकडण साठी धिवरफेकसेती जाल
नाचण लग्या कास्तकार भरनागरणी खारखोदाई भय गयी चालू!!४!!
देखत होतो इंद्र देव चालूआय गयी देखो
बरसात कास्तकार को खेत मा लहराया बजरा गहू धान!!५!!
मुकुंद रहांगडाले
दत्त वाडी नागपूर २३
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