बरसात को मजा
बरसात आय किसान को साथी,
उजवल करसे किसान को घर की बाती।।
बरसात मा इस्कुल जानला आवसे तरास,
तब इस्कुल का मास्तर निकाल सेती आमरो परा भड़ास।।
बरसात को पानी मा खेल्योलक आमला आवसे मजा,
माय-बाप न देखीन त देसेत आमला सजा।।
बरसात मा खेल-खेलकर कपड़ा होसेती गंदा,
माय कसे काम सेती, नको बढ़ावो धंदा।।
बरसात मा आवसे कानोबा पोरा,
माय बनावसे तेलरांधा, खानला भेटसे मोला।।
बरसात माच आवसे राखीको सन,
नवा कपड़ा डाक सेज, मस्ती करसेज सब जन।।
कु. मोहीनी पटले
No comments:
Post a Comment