हिमालय से मुकुट जेको
चरण धोवसे सागर विशाल।
सोनो की चिड़िया मोरो देश
नाव ओको प्यारो हिन्दुस्थान।।१।।
गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी
नदी पवित्र, सागर भी महान।
झरझर श्वेतशुभ्र झरा झरसेती
कलकल करसेत नभमा विहान।।२।।
सब जाती धर्म का लोक यहां
एकता से मोरो देश की शान।
अलग से सबकी बोली भाषा,
हिंदीला से राजभाषा को मान।।३।।
ऋषि मुनि की या पावन भूमी
भया यहां अनेक संत महान।
शुश्रुत न लिखीस शुश्रुत संहिता
शल्यचिकित्सा को से उन्नत ज्ञान।।४।।
शून्य,पाई, त्रिकोणमिति, दशमान
आर्यभट्टन देइस दुनियाला उपहार।
हर मंदिर की कारीगीरी अती सुंदर
उन्नत तकनिकको होसे दर्शन यहान।।५।।
कोहिनूर होतो मोरो देश की शान
गीता ,रामायण मा जीवन को ज्ञान।
छत्रपति शिवाजी भयेव राजा महान
रानी लक्ष्मीबाईन फोडिस शत्रुला घाम।।६।।
गीत गाऊन, मस्तक नमाऊन बार बार
महिमा केत्ती गाऊ यहां नवरतनकी खान।
महान होतो, महान से मोरो हिन्दुस्थान।
जय जय हिन्दुस्तान जय जय हिन्दुस्तान।।७।।
✍️सौ. छाया सुरेंद्र पारधी
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