विविधता मा एकता को प्रतिक
मोरो देश महान से,
सब धर्म इनला समावने वालो
मोरो देश महान से.
उत्तर मा येको उंचो हिमालय
दक्षिण मा सागर महान से,
गंगा, यमुना, गोदावरी आदि
येकी रक्त प्रणाली प्राण से.
हर राज्य की पहचान अलग
पर सब मिलस्यार एक माला,
भारत पर कुदृष्टि डालनेवाला
मिट गया सब मिटावने वाला.
उन्नत खेती फसल भरपूर
दुध दही को बव्हसे पूर,
कल कारखाना उपजाव सेती
देश मा उन्नती को कोहिनूर.
देखन लायक सेती अनेक बात्
अंजता, वेरूळ, खजुराहो, सोमनाथ,
शिर्डी, तिरूपति, पचमढी, उटी
वैष्णोदेवी, कामाख्या, अमरनाथ.
येन उपलब्धियोंक बाद भी
देश मा से बहुत विषमता,
कोणी से अरब खरब पति
कोणी दुय बेराक् जेवनला तरसता.
यहाॅ सेती अंबानी, अडानी
सरीखा मोठा मोठा लोग,
कही कही भूख लका भी
रोज मर रह्या सेती लोग.
रचना - चिरंजीव बिसेन
गोंदिया.
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