एकता अना अखंडताको,
देय रही से संदेश
स्वर्ग सारको लग मनोहर
मोरो भारत देश।। १।।
वनवैभव से दाता देशमा
आयुर्वेद को संदेश
तबोबलसे सदा प्रभावी
मोरो भारत देश।। २।।
चक्रवर्ती भोज यहाको
शिवबा को यव देश
पराक्रम की गाथा सांगसे
मोरो भारत देश।। ३।।
अलग धर्म का लोक यहानी
भिन्न भिन्न से भेस
विविधता मा शोभा देसे
मोरो भारत देश।। ४।।
सत्य धर्म को पालन करो
यव गीता को संदेश
राम कृष्णलक धन्य भयीसे
मोरो भारत देश।। ५।।
ज्ञानबा तुका खेल्या यहानी
पांडूरंग बदलसे भेस
जहा जनासंग देव दरन दरसे
मोरो भारत देश,
यव मोरो भारत देश ।। ५।।
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डॉ. शेखराम परसरामजी येळेकर नागपूर दि. ३१/५/२०२०
मो क्र ९४२३०५४१६०
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