चंदन से मोरो देश की माती
येन माती को अभिमान से।
मोती निकलसेत आमरो खेतमा
देश को मुकुट आमरो किसान से।।१।।
हिमालय की ऊची ऊची चोटी
बरफ को चादर लका झाकी से।
भिन्न भिन्न जाती धर्म सेती याहान
देश की सुंदरता कनकन मा बसिसे।।२।।
जनम्या यहा छत्रपती शिवाजी
महाराष्ट्र को माती की शान से।
अहिल्याबाई , झासी की रानी
रणभूमी कों वीरता की गाथा से।।३।।
जन्मभूमी या राजा राम की
विक्रमादित्य राजा ज्ञानी से।
गीता रामायण आमरा धर्मग्रंथ
कृष्ण की गीता मा जीवन सार से।।४।।
असो आमरो भारत देश महान
याहा वेदो मा अनमोल ज्ञान से
नमन करो शत शत माती का
मातीमा एक दिवस मिल जानो से।।५।।
✍️ सोनू भगत
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