Monday, June 15, 2020

किसानी को दस्तूर Dr.Hargovind Chikhlu Tembhare 14

   
किसानी को दस्तुर

रिमझिम बरसात से न्यारी,
माटी की खुशबू से बहुत प्यारी ll

भाऊ आता मिरुग न बी लगाईस हाजरी,
आता करो मोहतुर की तैंयारी ll

खारी भरबिन, बोवार पेरबिन,
चल भाऊ अज मोहतुर करबिन ll

सब पोवार होय जावो तैयार, आयव आता खेती को त्यौहार ll

धरती माय  की पूजा करबिन,
अन्नदायानी को ऋण खंडबिन ll

पोवार समाज की शान से,
खेती को दस्तूर मा मोहतुर को
मान से ll

जसो पोवारी भाषा बोल मधुर,
तसो जरूरी से करनो मोहतुर ll

करो पोवारी खेती का दस्तूर,
भेटे मान वंदना तुमला जरूर ll
**********************
प्रा.डॉ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो. दासगाँव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४

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