Monday, June 15, 2020

खेति की समस्या Chiranjiv Bisen 001


    
तातोबा -  राम राम भाऊ. 

राघोबा -  राम राम राघोबा, आव बस. 

तातोबा - भाऊ, मी येव खबर लेन् ला आयेव होतो का, आता मिरूग लग गई सेत् खार भरे पाहिजे का?

राघोबा -  हव मिरूग त् लग गयेव, पर पानी जादा नही आयी से, थोडो पानी अनखी आवन देहे पाहिजे. 

तातोबा - पर मिरूग मा खार भरे पाहिजे असो पुराना लोक कसेती, बिघडत नही खरा. 

राघोबा - बरोबर से पर मिरूग अनखी आठ दिवस से, पानी कम आयीसे, आब् खार भरेव ल् खारला अंकुर आय जाहे. अना बादमा तपा तपेव त् खारी वार जाहेती. 

तातोबा - तुमी कब भरो? 

राघोबा - दुयक् दिन बाट देखेव क् बादमा भर बी कसू. 

तातोबा - ठीक से मी बी दुयक् दिवस बाट देख लेसु. पर पानी जादा आहे त् चिखल खार भरनो पडे. मोरी सपाई खारी बाही सेती. 
राघोबा - तसो त् होसे. खेती मा सब निसर्ग क् कृपा पर रव्हसे. आपलो काम सिर्फ कर्म करन् को से. बाकी फल देनो ऊपर वालो क् हात मा से. 

तातोबा - होजी, तसो त् सेच. अच्छा मी चलुसू. राम राम जी. 

राघोबा - राम राम जी. 

                     - चिरंजीव बिसेन 
                                  गोंदिया

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