Monday, June 1, 2020

मोरो देश kalyani patle 12

  मोरो देश की माटी

मोरो देस से प्यारो,सारो जहा मा से न्यारो,
पहाड़मा फूलइनकी घाटी से, मोगरा को गंध की माटी से।।

अलग-अलग रंग रूप का,सब एक स्वर मा गावसेत,
मोरो देस मा सब मिलके भाईचारा लक रवसेत।।

सोनो की चिड़िया कसेत येला, धरती पर जसो स्वर्ग से,
से पावन भुमीया, यहां बस्यो सब को संसार से।।

हर धर्म, भाषा, संस्कृतिला मोरो देश अपनावसे,
गंगा, यमुना,ब्रह्मपुत्रा अन कावेरी जसी पवित्र नदी यहा लक बहसे।।

वीर जवान रवसेत तैनात, हरघड़ी सरहद पर,
लेसेत देस साथी, दुश्मन की गोली छाती पर।।

होसेत शहीद विर जवान,दुश्मन देश को नफरत को आंधी मा,
उन वीरइनकी शौर्य गाथा गूंजे हमेशा हिंदुस्तान मा।।

भारत को मुख्य व्यवसाय से किसानी,
येको लकाच मिली से आमला अमर वानी।।

गर्व से मोला मोरो भारत वासी होनको,
सब संग मिलके न एकता लक रवनको।।

      - कल्याणी पटले
       दिघोरी, नागपुर.

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