Monday, June 1, 2020

मोरो देश vandana katre ram - kamal 12


हर दम ,हर घडी उचो करया सेजन जेको आरेख
उ मोरो भारत देश धरती को अनमोल चित्रारेख ।।धृ ।।

मुकुटमणी से हिमालय जसी वीर शिवाजी कि ढाल
तीन बाजू को अथांग सागर, नील क्रांती से मालामाल
स्त्री सम्मान साती जहान ,रामायण-महाभारत काल
महान राजा 'राजभोज' न सुखी ठेइस प्रजा साल न साल
बेद, उपनिषद, संस्कृती सांगसे "अतिथी देव"सुरेख
उ मोरो भारत देश धरती को अनमोल चित्रारेख ।।1।।


"धर्मनिरपेक्ष" मा भईसे ,हर जाती, धर्म बहुत बलवान
एकता को धागा मा बंधिसे भारत माय कि रेसमी कमान
सविता कि निर्मल धारा, सरस्वती को सप्तस्वर को दान
"हिंदी"से भाषा मा माणिक, पर "पोवारी" से पोवार कि शान
मिटायकन बि नहि मिटाय ,यहान कि संस्कृती न लेख
उ मोरो भारत देश, धरती को अनमोल चित्रारेख ।।2।।


सत्य, अहिंसा, शील, करुणा न देइस भूतदया को पाठ
वीर रत्न कि मोरी भूमीला से "गीता"को मौलिक काठ
ऋषी -मुनी न संत-तज्ञ ,को से यहान अजरामर ठाठ 
माटी संग हर भारती कि जुडी से मजबूत हिवरी गाठ
"शांती" को अमृतवचनी भारतला हे दुनिया!तू जरा देख
उ मोरो भारत देश धरती को अनमोल चित्रारेख ।।3।।


'मानव 'संपदा से बहुमोल खजिना आवसे मोठो काम
'लोकशाही'कि अदभुत मिसाल, दिव्यांग बि से ठाम
मजदूर, किसान कि स्वेद धारा न सुखी 'मानव्य' लक ग्राम
अंतरिक्ष कि यात्रा न भयव सुफल-सफल कुल धाम
"सदकर्तव्य" लक उठावबिन आता "समाजवाद"को आरेख
उ मोरो भारत देश धरती को अनमोल चित्रारेख ।।4।।

वंदना कटरे "राम-कमल"
गोंदिया
३१/०५/२०२०

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...