।।। सुंदर देस ।।।
सुंदर से मोरो देस,देखो सुंदर से मोरो देस।।धु।।
उचो हिमालय उत्तरमा से
पुर्वमा गंगा सागर से
दक्षिनमा रामेश्वरंम से
पक्षिमा सागरतट से,बिचमा मध्यप्रदेस।।१।।
तिन ऋतू यहा होसेती
जग को आनंद सब लेसूती
सायबर सारज यहा दिससेती
सब राज्यकी भिन्न संक्रती,नविनताको येव देस।।२।।
कलावंत ,ज्ञानवंतकी भुमी
भारतमाता, संबोधनकी या भुमी
शिवाजी राजाकी या जन्मभुमी
राम ,क्रष्ण,पैगबर, बुध्दकी भुमी, असो योव देस।।३।।
रामायनको सार यहा से
महाभारत की गिता यहा से
बुध्दको पंचशील यहा से
राजा भोजका वंसज आम्ही,असो आमरो देस।।४।।
वाय सी चौधरी
गोंदिया
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