बळीराजा
तनला उर्जोक्क्ती
मनला या शांती।।
सजीवला सक्ती
देसे या धरती।।
भारत को किसान
मुहुन से महान।।
धरतीकी तहान
मोहतुर करश्यान।।
तिजको यव पर्व
पुरो करो कार्य।।
पेरनीकी या बेला
श्रम बळीराजाला।।
जलकी या फुवार
हिरवो योव शिवार।।
एक बीजका हजार
भरसेती ना कोठार।।
नक्षत्रकी किमया
निसर्ग की छाया।।
धरतीकी या माया
सब स्वःनंदी भया।।
वंदना गडकालीका
ढोला भरदे सबका।।
बेटा भारत माताका
वंसज राजा भोजका।।
वाय सी चौधरी
गोंदिया
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