संस्कार
तेजस्पर्श लक दूर होसे अंधकार,
जसो जळमूल को वृक्षला आधार
शिल्पला आकार देसे शिल्पकार,
तसो मनला घडसेत साजरा संस्कार।।१।।
गर्भधारणा पासून करसेत गर्भसंस्कार
साजरो साहित्य,विचार ठेवसे स्त्री गर्भार
शिशु की विचारशक्तिला मिलसे आकार
करिस अभिमन्यु चक्रव्यूह रचना साकार।।२।।
जन्म को बादमा सूतुक केशवपन संस्कार
बारा दिसमा होसे बारसो नामकरण संस्कार
दिवारी को दिस करसेत अन्नप्राशन संस्कार
आयकनकी शक्ति बढ़ावसे कर्नछेदन संस्कार।।३।।
गुणवान पुत्रपुत्री बढावसे कुल को नाम
संस्कार लक पीढ़ी होए सुसंस्कारी निर्माण
जिजाऊ माता को संस्कारमा बढेव शिवबा
पर स्त्रीला समजत शिवाजी माता समान।।४।।
आईंको संस्कार की महती *श्यामको आईमा*
संस्कार नहीं भेटत लेयेलका बाजार हाटमा
अनुकरणशिल रवसेत आमरा लहान बच्चा
देव संस्कार असा वय बनेत जगमा सच्चा।।५।।
सौ. छाया सुरेंद्र पारधी
No comments:
Post a Comment