राखी
पुनवा की अलबेली घडी
बरसं से सावन की फुहार
बहीणभाई को संबंध बढावन
आयेव रक्षाबंधन को त्योहार
नारीयल कुमकुम चंदन मिठाई
बहीण नं सजाईस कंचन थार
भाई ला लगावं से टिका
मन मा उमडं से प्रेम अपार
रेशम की डोरलक भाई को
कलाई मा बांधीसेस प्यार
बदली मा देसे भाई
रक्षाबंधन को उपहार
कोळी करसे समुद्र पूजन
करंन साती मच्छीमार
बाजालक भुजली लिजासेती
परदेसी अना कहार
सुरज-चंदा बिना जसो
सुनो से आभार
बहीण-भाई बिना तसो
अधुरों से परिवार
मेवाड की राणी कर्णावती पर
लटकी संकट की तलवार
राखी पठाईस हुमायून ला
मांगीस रक्षा को उपहार
विपदा आई भरी सभा मा
द्रौपदी को द्वार
लाज बचाईस कृष्ण नं
बनेव वस्त्र तारणहार
बहीण भाई को घर की तुलसी
येको लक महक से घरदार
मरतो दम तक बहिण को
भाई पर रवं से अधिकार
सब रिश्तो मा अनमोल से
भाई बहीण को प्यार
बंधन से येव अति पवित्र
जुड जासे सब संसार
बहीण मांगसे लंबी उमर की दुआ
भाई साती हर बार
जुग-जुग जीवजो मोरो भाई
पाऊ मी तोरो दुलार
यंदा को सालं कोरोना से
कसी आऊ येनं बार
राखी पठावून कुरियर लक
फोन पर लेवून समाचार
शारदा चौधरी
भंडारा
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