लाख्तखाड
आई आई लाख्तखाड, बेटी बाट देखसे
आनन आये मोरो भाई,याच आस ठेवसे।।
खाजो धाडे मोरी माय,चिवळा,खुरमी,लाळू
मामा घरको खाजो खाये,मोरो लाडको बाळू।।
खारी दोरी भरके भयी,धुरा पलायके भया
पर्ऱ्हा धरनको पयले,भाई भोवजाई आया।।
माय बाप की जागा,लेयेत भाई भोवजाई
लाख्तखाळ की बेरा,कसी पसाऊ सेवई।।
माच परका आंबा सऱ्या,जांभूर पीकी लटालोंब
टोरी सपा झळ गयी,नाहाय काही हाकबोंब।।
खात फेकके भयेव खेतमा,बगराऊ कशी कशी
सरप,बिच्चु ओन ढगमा,मोठा मोठा धस्या सेती।।
माय घर जाऊ कसु,रस रोटी खाऊ कसु
मायापीरत लका मायघर,दुय दिवस रहू कसु।।
वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी( आमगांव)
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