Thursday, August 13, 2020

कृष्ण भजन आरती randip bisane


        भजन
(तर्ज- बहोत प्यार...)

नोको जावू काना ,सोडस्यानी अज--२
जीव मोरो लेय लेवो - २ बिनती तोला !!धृ!!

अष्टमीला आयेस घरमां रमेस रे
पुरी बडा का पहुनचार खायेस रे
टुरूपोटु रम्या संग तोरो मयमा न्यारो !!१!!

माती का बैल अना कावरा संगं
भजन जागरण वु कामकाज मंग
भक्तीरस मां डुब्या सारा नहान बुजरूग !!२!!

दुई दिवस तोरी सेवा को अवसर
विरह को दुख होये तीनही प्रहर
कानामय भयेव घर गुंजसे गवळण !!३!!

रणदीप बिसने

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