Thursday, August 13, 2020

कृष्ण भजन आरती chiranjiv bisen



        भजन
         
कान्हा गोकुल को मेहमान। 
वोको दिवानो से सारो ब्रजधाम। धृ। 

यशोदा को प्यारो लाला। 
नटखट बडो से नंदलाला। 
गोपी संग रचावसे रासलीला। 
सब पर से वु मेहरबान।१।

धेनु चरावसे, बंसी बजावसे। 
ग्वाल बाल संग खेल रचावसे। 
दही दूध की मटकी फोडसे। 
गोपी इनला करसे परेशान।२।

पूतना,अघासुर,केसी ला मारीस। 
कालिया को मान मर्दन करीस। 
गोवर्धन ला उंगलीपर उठाईस। 
कंसला पठाईस यमधाम।३।

अर्जुन को रथ हकालीस। 
गीता को वोला ज्ञान देईस। 
दुष्ट इनको संहार करीस। 
सब करसेत वोको गुणगान।४।

             रचना - चिरंजीव बिसेन 
                                गोंदिया.

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