कृष्ण जन्माष्टमी भजन (चाल -फुलोसा चेहरा )
कान्हा कान्हा,आमला जान देणा,मथुराक बजारला
अडावू नोको बाट,फोडु नोको माठ,नंदको नंदलाला
// धृ //
सासुरवासी आमी गवळी की नार,
दही दूध की हांडी डोईपरा ,
अळावु नोको कान्हा बाट आमरी
नटखट गवळीको टुरा
पाय लग गवळनी,नोको करू छेळखानी,
गावमा होय रे गलबला//१//
केती कान्हा तोरी मधुर बन्सरी,
बजावना तु एकघन तरी
पगली भई गवळणी सारी,प्रीत तोरपर लगी हरी
आडवो रव्ह रस्तापर,फोळसे यव घागर,
करं गोफनको मारा //२//
चोरी चोरी घरमा आवसे, दहीदूध लोनी खायशानी जासे, सासू मोरी गुसा करसे, संगी साथी संग गावमा फिरसे
राधा गवळणी को साथ, तोला जोळृ दुही हात,
नंद यशोदाको टुरा //३//
तोरी महिमा सबदुन न्यारी,
कोनी कसेत स्याम कोनी कसेत मुरारी,
लीला तोरी सबदुन न्यारी, पुजा करसे दुनिया सारी
देयेस कंसला मार तोरी महीमा अपरंपार
करु तोरो मी जयकारा //४//
डी पी राहांगडाले
गोदिया
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