Friday, August 7, 2020

पहाट sharda chaudhari 21


भयी सोनेरी पहाट सरी रात अंधियारी कारी
पक्षी करसेत किलबिलाट निकली शुकिर की सवारी

कई रंग सेती अंबर मा ओढीसेस झालर केशरी
पितांबर झलकसे अभार मा दिससे पहाट हासरी

 भूपाळी गावं से पाणी थंडो वारा की झुळूक न्यारी
महक रही से जसो उषाको चित्र रंगावसे रंगारी

वद लक चमक रहीसे धरापर जलमय या गवतरी
दवबिंदू शोभसे पत्तापर जशी मोतीयन की सरी

बाग देसे कोंबडा हंबरं सेती गाय बासरूअना शेरी
मंदिर मा बजसे घंटी होसे काकड आरती की तयारी

शेण-पुंजा सडा-रांगोळी करं सेती सात्विक नारी
बिहीर पर खिराळी की सरसर उडावसे झोप सारी

उमलन लगी हरेक कली सूर्यकिरण ला देखंस्यारी
आंगण मा सळा पारिजात को सजावट शोभसे साजरी

पक्षी गावं सेती मधुर गीत जसी बजसे बासुरी
कोवरो किरण देसे हर्षित मन ला कष्ट की तरतरी

उठो फिरो करो योगा प्राणायाम अना भ्रामरी
रहो निरोगी जीवनभर बात से सोला आना खरी


                                       शारदा चौधरी
                                            भंडारा  

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