भयी सोनेरी पहाट सरी रात अंधियारी कारी
पक्षी करसेत किलबिलाट निकली शुकिर की सवारी
कई रंग सेती अंबर मा ओढीसेस झालर केशरी
पितांबर झलकसे अभार मा दिससे पहाट हासरी
भूपाळी गावं से पाणी थंडो वारा की झुळूक न्यारी
महक रही से जसो उषाको चित्र रंगावसे रंगारी
वद लक चमक रहीसे धरापर जलमय या गवतरी
दवबिंदू शोभसे पत्तापर जशी मोतीयन की सरी
बाग देसे कोंबडा हंबरं सेती गाय बासरूअना शेरी
मंदिर मा बजसे घंटी होसे काकड आरती की तयारी
शेण-पुंजा सडा-रांगोळी करं सेती सात्विक नारी
बिहीर पर खिराळी की सरसर उडावसे झोप सारी
उमलन लगी हरेक कली सूर्यकिरण ला देखंस्यारी
आंगण मा सळा पारिजात को सजावट शोभसे साजरी
पक्षी गावं सेती मधुर गीत जसी बजसे बासुरी
कोवरो किरण देसे हर्षित मन ला कष्ट की तरतरी
उठो फिरो करो योगा प्राणायाम अना भ्रामरी
रहो निरोगी जीवनभर बात से सोला आना खरी
शारदा चौधरी
भंडारा
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