पहाट भय गयी से पोवारी को प्रचार की
उठो उठो युवा पिढी प्रसार करो
आता बेरा भय गयी से तुमरी
पोवारी भाषा को गुणगान करो।।
सुसंस्कृत,अना बडो सुंदर आमरो
पोवारी को पुरो इतिहास से
आम्ही क्षत्रिय पोवार आजन
यको आमला बडो नाज़ से।।
सुर ,हुतात्मा लढवय्या राजाइनको
इतिहास पसरावनो आब बाकी से
संघर्ष पोवारी जाती को आमरो
पुरो जगमा पसरावनो आब बाकी से।।
गोडवा से आमरो पोवारी मायबोली मा
बडी सुंदर अना मिठी से आमरी भाषा
नवी पिढी जगाय रही से आब
नवी उषा अना नवी आशा।।
✍सौ.वर्षा पटले रहांगडाले
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