कान्हा मोरो सखा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी।_
हे नाथ नारायण वासुदेवा।_
कृष्ण बन जाय मोरो सखा
धन्य होय जाये जिवण आता
मी बन जाऊ सुदामा
साथ पाऊ तोरो सदा
मित्रता मा पाऊ मी नम्रता
धारन कर लेऊ मी तोरी निर्मलता
स्वप्न मा देखु मी तोरी मित्रता
सुदामा गत हर ले मोरी दरिद्रता
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सबला हार्दिक बधाई अना सब सहभागी साहित्यक ला मोरो *जय श्री कृष्णा*
- सोनू भगत
सदस्य, पोवार इतिहास साहित्य, संस्कृती अना उत्कर्ष परिषद
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