मोर (peacock)
रंगबिरंगी मोर
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कार्तिकेय को वाहन मोरो देश को पक्षी मोर
लेयकर फिरंसे नवलख्खा तनपर नक्षी मोर ॥
बादर ढोलक बजावंसे ना करंसे गडगड सोर
यव बि उच्चो झाड परलं गावंसे पूरजोर ॥
मियाँव मियाँव की आवाज दुहुरलक आमला बुलावं से
फुलायक्यार पिसारा आपलो सुंदर नाच देखावं से ॥
सारो बदन निलो, कृष्ण भगवान को सरिखो
कृष्ण डोईपर, ना मी बी किताबमा ठेऊसू पिस वोको ॥
लंबी मान वोकी लंबी चोच ना डोईपर कलगी तुर्रा
डौलदार काया थुईथुई नाचं देखाव्ं काजरा डोरा ॥
नाचमा अधिक रंगंसे जबं सिरवा आवंसे रिमझिम
देखनोमा वोला आमी दंग होसेजन ओला चिम्म ॥
बादरमा जसी जसी चमचमाचम रोसन बिजली चमकी
तसो मयुरा सुरतालमा लेसे गरगर गिरकी ॥
ताली बजावंसे पानासंगं टपटप टपटप गारा
कोरस की आवाज लगाव्ं सोंसोंसोंसों वारा ॥
झरझर धारा सर मिलायकन जबं धरंसे जोर
छमछम थुईथुई तबं नाचंसे रंगबिरंगी मोर ॥
(वर्ग: ७ वी)
द्वारा डॉ. प्रल्हाद रघुनाथ हरिणखेडे
मो. 9869993907
9307718485
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