Monday, October 12, 2020

खऱ्यान (द्रोणकाव्य) hargovind tembhre 32


तैयार से खऱ्यान
दूय गाड़ो बोझा
जुपो दावन
फिरे गोल
चकरी
गोल
रे
बाप मोरो किसान
खेती वोको मान
चुरसे धान
खेती सोनो
आधार
मन
को

खऱ्यान भर बोझा
चूरन की मज्या
धान का बोरा
बांधो बोरी
सूतरी
लक
रे
सरावो खऱ्यान ला
पांच मोड़ा बाद
गोटा माटी ला
करो दूर
चुरनी
धान
की
******************
प्रा.डॉ.हरगोविंद चिखलु टेंभरे
मु.पो.दासगाँव ता.जि.गोंदिया
मो.९६७३१७८४२४

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