Monday, October 26, 2020

महानवमी chiranjiv Bisen 34

नवरात्री को नववो दिन आवसे नवमी, 
देवी सिद्धिदात्री क् रूप मा जासे पूजी. 

नवरात्री क् ज्योत को करे जासे विसर्जन, 
देवी की होसे आरती ना भजन किर्तन. 

नव दिवस विविध रूप मा होसे देवीकी पूजा, 
देवी की पूजा सरीखो पुण्य नही कोई दूजा. 

पोवारईनकी कुल देवी से गढकालिका माय, 
हर गाव मा  स्थापना भई से बनके माता माय. 

नवमी क् दिन पूजा साती बनसेती अठई सुकुडा, 
आता नवीन जमानो मा आवसेती मिठाई का पुडा. 

नवमी ला होसे नवरात्री उत्सव की समाप्ति, 
सब लोक मिलस्यार करसेती देवी की आरती. 

                     - चिरंजीव बिसेन 
                                  गोंदिया

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...