नवमीला नमाऊ सिद्धी की तू दाता ।
शक्तिरूपेण मोरी सिद्धिदात्री माता।।
नव दिवस शक्ती रूप की आराधना ।
दुर्गा रूप शक्तिला नमाऊ मी आता।।
कमल पर विराजी रूप सौम्य तोरो ।
हातमा चक्र,शंख,गदा,कमल प्यारो।।
तूच दुर्गा, तूच काली, माय चामुंडा ।
करू आरती तोरी माय मोरी चंद्रघंटा।।
असुरो को संहार कर जगला उद्धारी।
नमन तोला माय जगत की कल्याणी।।
आदि शक्ति माय, शिव प्रिया पारबती।
दुर्गा शक्ति, सरस्वती ग्यान बरसावती।।
माय गढ़कालिका को रुपमा कल्याणी।
आशीर्वाद तोरो माय पोवार की पोवारी।।
नारीशक्ती को जागरण को सन आय ।
नारी तूच नारायणी विश्व जननी माय।।
विपदा आये पर धारण कर चंडी अवतार।
नहीं घबराय नारायणी करसे दस पर वार।।
दुर्गा शक्ति रूपला सब नमाओ बारम्बार।
कल्याण कर माय तूच जीव को आधार।।
✍️सौ. छाया सुरेंद्र पारधी
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