घट स्थापना पासून नव दिवस दुर्गा पूजा का आती।
नववो दिवस माय सीध्दी दात्री की पूजा कर सेती ।।
माय सीध्दी दात्री की पूजा पयले शिवजी न करीस।
ओकच कृपालका शिव न अर्धनारीश्वर रूप धरीस।।
नवमी की नवविध भक्ती,आपलो सर्वस्व अर्पण करो।
कृपा होय सिद्धी दात्री मायकी ओका च चरण धरो।।
नवमी ला हवन पूजन खुप सब क मनाला भावसे ।
कोणतच संख्याला 9 लक गुणो बेरीज 9च आवसे।।
राम नवमी ना नवरात्र नवमी इनको महत्व से भारी।
माय दुर्गा का नव दिवस,माय भक्त की तारनहारी।।
तन मन धन लका सेवा करो,सदा होय कल्याण ।
आचार बिचार शुद्ध ठेवो, बळे तुमरो मानपानशान।।
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डी पी राहांगडाले
गोंदिया
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