Thursday, October 15, 2020

धवल आशा nareshkumar gautam 08



धवल आशा

आकाश मा उड़न की धवल आशा,
उड़कर पहुँचूँ मि एकदिन नासा।
पापा को मि सेव् दुलारो,
मम्मी ला मि पैजन प्यारो।
चन्दा की लुका-छुपी हरदम मनोहारी,
दूर गगन की लालिमा सबलक प्यारी।
मंडराव सेत प्लेन बादल ऊपर,
 लगाव सेती चक्कर उपग्रह  हजार।
जाऊ मि एकदिन अवकाश पार,
करू पता अजुन प्लूटो को पार।
धरती को मि निर्मल नयनतारा,
आकाश मा उड़न की मोरी आशापारा।
मोठो जगत मा ब्रह्मांड हमारो,
अनगिनत सूरज चाँद तारो।
केतरा सूरज दादा सेत हमारा,
करू पता अणखी मामा हमारा।
करू पार मोरी उलझन जरा,
मम्मी पापा का सपना पुरा।
आकाश मा उड़न की धवल आशा,
उड़कर पहुँचूँ मि एकदिन नासा।

नरेश गौतम

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