दोस्ती
दोस्ती की से बड़ी महिमा,
रस नहाय जीवन मा दोस्ती को बिना।
जो सुख दुख मा संग रव्हसे,
दोस्ती को बिना जीवन बेरंग रव्हसे।
कृष्ण-सुदामा न असी दोस्ती निभाई,
दुनिया देसे जिनकी यारी की दुहाई।
दोस्ती की त से अलगच खुमारी,
बाजू मा रह जासे सब दुनिया-दारी।
नातो से यव सबदून अनमोल,
नही लग सिक यको कभी काही मोल।
दोस्त मोरा भी सेत बड़ा कमाल,
संग मिलकर आम्ही करसेजन धमाल।
दोस्त रव्हसे एक अभिन्न परछाई,
मरनो परच होसे सच्चो दोस्त की बिदाई।
स्वाति कटरे तुरकर ....
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