Monday, October 26, 2020

दोस्ती swati katre turkar 10


दोस्ती 

दोस्ती की से बड़ी महिमा,
रस नहाय जीवन मा दोस्ती को बिना।
जो सुख दुख मा संग रव्हसे,
दोस्ती को बिना जीवन बेरंग रव्हसे।
कृष्ण-सुदामा न असी दोस्ती निभाई,
दुनिया देसे जिनकी यारी की दुहाई।
दोस्ती की त से अलगच खुमारी,
बाजू मा रह जासे सब दुनिया-दारी।
नातो से यव सबदून अनमोल,
नही लग सिक यको कभी काही मोल।
दोस्त मोरा भी सेत बड़ा कमाल,
संग मिलकर आम्ही करसेजन धमाल।
दोस्त रव्हसे एक अभिन्न परछाई,
मरनो परच होसे सच्चो दोस्त की बिदाई।
स्वाति कटरे तुरकर ....

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...