Tuesday, October 27, 2020

उंदीर अना बिलाई (बिल्ली) 09


      म्याव म्याव

बाघ की मावशी आवना ग।
म्याव म्याव गाना गावना ग।।

उंदिरं ठुमक ठुम नाचसे।
देखके तोला धुम परासे।।
दुध से सिकोपरा खायना ग।।१।।

मऊ मऊ बाल छान सेती
लोरसेस तरी  गंधा होती
ऊ देख उंदिर धरना ग।।२।।

मिटके डोरा दुध पिवना
जिभलं आता पानी पिवना
तोंडमा पिलाला धरना ग।।३।।

चल आता लुका छपी खेल
धिरू धिरू चल जमे मेल
पायकी ध्वनी आव नही ग।।४।।

वाय सी चौधरी
गोंदिया


उंदिर अना बिलाई  (बिल्ली)


बिलाई को घर होतो मोठोजात।
दूय चिल्ला पिल्ला बड़ा शैतान।।

घरमा दर करेसेत जहावाहान।
कपड़ा कतर कर भया हैरान।।

भूक लगीं गया आई को जवर।
आई खानला पायजे गवर गवर।।

बससेजन दिनभर घात लगायकर। 
हाथ नहीं आवत जासेत चकायकर।।

केत्तो अच्छो होतो आई अगर।
बिकता उंदरा बजारमा किलोलक।।

मस्त जाता बजारमा सबजन।
पसंद का मोल लेता उंदीर मंग।।

मोठा मोठा ऊंदीर पोख्या वाला।
आनता मंग निवड निवड कर।।

बारीकसुरिक नहीं लगत बाका आमला।
सस्ता मिलता त आनता क्विंटलका।।

कोथरी मा उनला बाका भरकर ठेवता।
तीज त्योहार मस्त मज्यालक मनावता।। 

पैसा नहीं रवता त उधारी पर आणता।
किलो किलो सब पोट फुटतवरी खाता।।
सौ छाया सुरेंद्र पारधी



                  बीलाई ना उंदीर
                            
उंदीर मामा उंदीर मामा दिससेस छान 
लंबी लंबी पुस्टी तोरी लहानसा कान 

लहानलहान डोरा, ना भुरा भुरा केस 
इतनउतन नोको कुदु लगजाय ठेस

दुय पायपर ऊभो ना बीलाई ला देख
धावत आय बीलाई ना करे फेकाफेक 

बीलाई ला देखसानी मोठो घबरासे
धावत ज़ासे, बीळ मा लपाय जासे

बीलाई मोठी हुशार,आळपच रव्हसे 
आएव पालामा उंदीर त खातमा करसे

लुकाछीपी खेलसेती इतनउतन घरमा 
दिन बीत ज़ासे उनक खुसुरफुसुरमा 
                                     
डी. पी.राहांगडाले
  गोंदिया


उंदीर

तोरो मोरो जोळा
से सबला मालूम
तु बिलाई मी उंदीर
जोडी से बेमालूम

नटखट खेल
तोरा मोरा
दुख पीवताच
मिचकावू डोरा

दर मी रव्हुसु
घरका सामान कुतरूसु
बाघ की मावशी तु
तोलाच मी भीऊसु

दिनभर लुकाछुपी
खेलसेजन घरभर
कईसारा सामान
बिखरसेत घरभर

कधी बाहारी,कधी कपडा
कुतरनकी से आदत
डंडा धरके मिलसे
दर मा रव्हत की मुदत

से दुश्मनी तोरी मोरी
पर गम नही तोरोबिना
संग संग दंगामस्ती
चैन नही पड मनमा

उंदीर बिलाईकी जोळी
रंग से टिवीपरबी
लहान टुरु देखसेत
बाप को मोबाईल परबी

सुरूकन्यारी परानोमा
उंदीर से वस्ताद
काही दिवसमाच बढसे
पीलारइनइकी तादाद

चोरके दुध पीवसे
मनीमाऊ आमरी
तरी सबसे प्यारी से
बिलुबाई आमरी

सौ.वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी (आमगांंव)
जि. .गोंदिया


बिलाई उंदिर

चलो चुंनू मुनू  बात आयको मोरी
बिलाई नं पकडीस उंदीर की चोरी

सुनसान सें घर नाहात आता कोणी
बिलाई को राज सें बनी वा रानी
करून मी आता मनमानी मुजोरी

घरमा ठेयेव होतो लोणी को तुकडा
खायके रंगाऊन मिशी ना मुखडा
बादमा लेऊन मी झोप सुखभरी

घर को भीत ला होतो एक बीळ
भूक लका उंदरा वहा करं चिळचीळ
सोचन लगेव घरमा आता मिले काहीतरी

बीळ को बाहेर उंदरा चुपचाप आयेव
लोणी देखकर वोको जीव ललचायेव
खानला बसेव लोणी छुपकर चोरीचोरी

वोतरो मा आयी बिल्लीमावशी मोठीजात
उंदीरमामा की चोरी पकडीस रंगेहात
उंदराला भेव लगेव बिलाई को भारी

चलो आपुन आता कवाड खोलबं 
उंदरा-बिलाई को मस्त खेल देखबं
फरार भया वय आमला देखस्यारी


                                     शारदा चौधरी
                                         भंडारा


   बीलाई

बिल्लु अना उंदीर 
रव्हसेती एकच घर, 
उंदीर को रव्हसे दर 
बिल्लु फिरसे घर भर. 

बिल्लु पिवसे दूध अना 
उंदीर फोलसे अनाज, 
दर ल् बाहेर निकलनो पर 
उंदीर पर बिल्लु की गाज. 

उंदीर करसेत बहुत नाश 
बिल्लु की उनपर नजर, 
बिल्लु ला देखस्यारी 
उंदीर धुडसेती दर. 

पर बहुत बार उंदीर पर 
झपटकर बिल्लु करसे शिकार, 
कभी कभी बिल्लु की 
मेहनत चली जासे बेकार. 

पर बिल्लु ना उंदीर मा 
कभी कभी होसे दोस्ती, 
दुही मिलस्यार तब वोय
करसेती बहुत मस्ती. 

                    - चिरंजीव बिसेन 
                               गोंदिया.

 
(चाल: दादी अम्मा दादी अम्मा मान जाओ...)

उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम
एक दुसरोकी खिल्ली उड़ावनो इनको काम ॥धृ॥

उधम मचावनोला बडा हवस्या
टिपली दांडू अज दुही खेलन बस्या
कभी येकोपर कभी वोकोपरा दाम
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥१॥

मारत होता टिपल दुही अंधाधुंदं
कभी जेरी टॉमला टॉम जेरीला खुंदं
घरमालिक को जिनो कर देईन हराम 
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥२॥

आंगणमालं टिपली उडी खिळकीकन 
पडेव भोक काचला फुटेव तड़कन 
फ्रिज को दरवाजो पर भयेव भड़ाम 
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥३॥


टिपली को मंघं दुही सुट्या सनान
फ्रिजको दरवाजो खुलेव कन्यान कून्यान
मालकीन मारे मूहून सुटेव इनला घाम
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥४॥

डोरामा जसो दिसेव खुल्लो फिरिज
कंपार्टमेंटमा दिसेव ताजो ताजो चिज
खानोको लालचमा भया दुही बेफ़ाम
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥५॥ 

एक साथ फिरिजमा मारीन उडी
खाल्या सर्रकन ट्रे पसरी पडी 
चिज उडायेव पंथुनामा धड़ाम
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥६॥

टूट पड्या चिज पर जेरी अना टॉम
पिघलेव निवामा चिज भयेव बेकाम
जरी मिसी दुहिकी "अव माय अरे राम"
उंदीर मामा जेरी बिल्ला टॉम टॉम ॥७॥

डॉ. प्रल्हाद रघुनाथ हरिणखेडे (प्रहरी)
उलवे, नवी मुंबई 
मो. 9869993907

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...