Tuesday, November 3, 2020

सिता राम palikchand bisne 35

मर्यादा पुरुषोत्तम होतो
कौशल्याको राम
सितामाक् लायक जगमा्
फक्त फक्त  वु राम।।

मायकि राखीस, वन् प्रतिष्ठा
सोडिस महको सुख
सितामाबि तयार भयि
हसकर झेलन दु:ख।।

एकनिष्ठा एकपत्नीव्रत
परिवार ठेइस सिमीत
कुटुंबसंस्था मजबूत भयि
भयोव समाजको हित।।

बाली मारिस, रावण मारिस 
बिबिषणला देइस लंका
जननी अना् जन्मभूमीको
बजाइस जगमा् डंका।।

सितामाबि कहा कम होती
नकारिस वैभव रावणको
प्रेमकि वा एक ,मिशाल होती
गौरव त्याग सेवाको।।

दुर्जन मारिस ,सज्जन तारिस 
शक्ति संयमको ,सागर राम
परिवारमा् वु,  ताइत सबको
हरमाकि से ,आस राम।।

सितामाकि पवित्रता 
संयम रामसमान
भारत बने मंग एक दिव्यशक्ती
बढे धरतीको मान।।

पालिकचंद बिसने 
सिंदीपार (लाखनी)

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...