नवधा भक्ति मा स्मरु नाम
जय सिता राम,सिता राम
आत्म भान भुलकर
दिन-रात बस एक ही काम
मन मा बसा तन पर सजा
सिता राम सिता राम
स्वास स्वास मा बसी से
हे प्रभु तोरो नाम,तोरो नाम
भजत जाऊ गायत जाऊ
सिता राम, तारणहार
मन मंदिर मा ज्योती जले
तोरी हे, मोरे पालनहार
रहा न जावे तोरो बिना
चरा चर मा तोरो वास
सिता राम, सिता राम
येही चले बस मोरो स्वास
हे सुनो प्रभु बिंनती मोरी
सदा रहे मन मंदिर मा तोरो वास
क्षणिक ना करो दुर
मी सेव तुमरो चरण की दास
✍🏻 शेषराव वासुदेव येळेकर
सिंदीपार भंडारा
दि. ०१/११/२०
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