दशरथ का च्यार टुरा सुंदर,सुशील,गुनवान.।
जे पुरूषार्थ धर्म,अर्थ,काम मोक्ष का प्रमाण।।
घट घट मा बसेव राम सबको मोक्ष दाता।
ओकच संगमा जुळगयी आदि शक्ती मा सीता।।
सीताराम बसव अन्तरमा ओकोच करू ध्यान।
जोत जगाऊ राम नावकी हरदम रहे समाधान।।
आत्मा को प्रतीक सीता माता राम संग मेल।
बिन बातीकी ज्योत जलसे रामसीताको खेल।।
सीताराम बिना रीतो नाहाय धरतीको कोणा।
विश्व नही चलसक भगवान सीताराम बिना।।
अन्तरात्मा मा सीताराम ओकोच ध्यान धरो।
होयजाय पार नैया तुमरी बिचार नोको करो।।
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डी पी राहांगडाले
गोंदिया
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