Saturday, June 19, 2021

साहित्यिक सौ.ज्योति पटले




नाव:-ओमलता कृष्णकुमार 
             पटले.
 टोपन नाव:- ज्योती
  
 गाव:-  बोदलबोडी पो:धानोली 
         ता:सालेकसा जि:गोंदिया
   जन्म ता:- १८/११/१९१४
 जन्म गाव:-*वळद (कटंगटोला)
                पो:अंजोरा 
           ता:आमगाव जि:गोंदिया
  बाबुजी को नाव:- देवाजी 
               तुळशीरामजी परिहार
    धंदा:-  खेती/कपडा दुकान
 आई को नाव :-लक्ष्मी/देवांगणा
  शिक्षण:- १ली ते ७वी पयॅत 
                वरिष्ठ प्राथमिक शाळा वळद
   ८वी ते १० semi-english  साठी आदर्श वि. आमगाव.
 ११वा ते १२ IT sci (full english)  आ. वि. आमगाव.
  B.Sc.:-D.B.Science  college  Gondia
   msc:back
  

 नौकरी:-  मी जास्त मोठी नाहाव अना ज्यादा सिकी नही. पर नौकरी साठी प्रयत्न करेव .प्रायवेट मा Shanti Niketan Convent मा ४ साल लका जाॅब करेव. SBSC ला narsary to 4th standard पर्यंत होती. D.ed नही करेव पण आपलो अनुभवल अना्  हुसारी लका जाॅब करेव. अना सोबत पा्वेट लका  Y.C.M लका final भयव.   आब History  मा M.A. 1'st year चालू से .
  पण सध्या कोरोना को कारण घर से.

   मग ५/५/२०१९ मा बिह्या भयव. 
  कृष्णकुमार पटले संग. 
  

 एक टुरी :_ वेदांशी १५ महीना की से . ९ महीना पासूनच चलसे  अना् बोलभी से.
   
  पुरस्कार:-  मी जास्त मोठी नाहाव पर आठवन से की जब मी४ वी अना् ७वी स्कालरशिप की परिक्षा होयत ७वी मा तालुका  माल पहिली आयी त ८ ते १० पर्यंत हर साल ५००० हजार रू मिल्या म्हणजे पूरा १५हजार
  मग मी १२वी मा होती, तब .
 *सामाजिक वनिकरण*  येन निबंध परिक्षा मा जिल्हा मा पहिली आयी तब ५०००रू को बक्षीस भेटेव.
  ता:१५/०९/२०१२ ला नंबर आयव अना मोरो गोंदिया मा सत्कार होतो वनच दिवस मोरो भाऊ की गणेश विसर्जन मा मृत्यू भयी. *२९/०९/२०१२ ला*  
   

 आवड छंद :- भजन कवनो,  डाॅन्स/नृत्य करनो. भाषण देनो जब convent मा जाॅब करत होती तब मीच संचालन करत होती. 


  लेखन कार्य/पुस्तक इनको काही अनुभव नाहाय जी.
        


 जीवनपट:-  
                       आम्ही तीन बहीन भाऊ होता. मोठी बहीन *शारदा.* मग मोरो भाऊ *महेश* जिनकी गणेश विसर्जनमा मृत्यु भयी. तब पासून मी येन भगवानला त्याग देयव. मी प्रसाद भी नही खाव येन भगवान  की . 
 आपलो जन्म दिवस को दिनही /२१ साल मा स्वर्गवास भया.
 मग मी सबसे लहान *ज्योती*  
 परिवार  मोठो से बाबुजी तिन भाऊ सेत. अना तिन आत्या.
   सध्यामा ४ भाऊ सेत ब्रम्हा भाऊ :- महा. पोलिस.
 विश्वा भाऊ:- वनरक्षक कर्मचारी
  शिवसागर भाऊ:-कपडा दुकान सभांल सेत 
 रामसागर :-विडीओ सुटींग को काम करसे.  काही भाऊ की कमी नही करत. असा मोरा पाचपांडव भाऊ होता . *ब्रम्हा-विष्णू-महेश-राम-शिव* 
 बहीन *:-शारदा-दुर्गा-ज्योती*  .
  सब भगवान की अवतार.

    सौ. ओमलता बाई पटले

बहूदा सन्मानित
पोवार की बेटी
ओमलता बाई ला
पहले शुभेच्छा कोटी

पोवारी कवयित्री
समाज की ज्योती
आपलो प्रतिभा लक
बाटसे मोती

कृष्णकुमार पटले की
ज्योती से सन्मान
परिहार परिवार की बेटी
प्रतिभावान गुणवान

देवाजी,देवांगणा की
अनमोल मोती
पटले परिवार मा आयी
दुय परिवार की ज्योती

देवांशी अनमोल रत्न
कच्ची मटका पकावसे
ओमलता सृजनकार
शिक्षा दान करसे

भजन,नृत्य मा पारंगत
भाषण, संप्रेषण लाजवाब
कष्टमय जीवन तरी
खिलतो महकतो गुलाब

अष्टपैलू व्यक्तिमत्त्व
जसी साक्षात सरस्वती
बालपण पासून अज वरी
शब्द कमी सांगन् महती

भगवान संग विद्रोह
मोला लगी मुक्ताई
उच्च कोटी वैचारिक प्रगल्भता
सगुण निर्गुण की माई

शतदा नमन करु
तुमी पूरो देश को गौरव
पोवार की बेटी
पराक्रमी शौर्यवान

शेषराव येळेकर
 सिंदीपार जिल्हा भंडारा
दि. १७/०६/२१

   
    ऋण साहित्यिक गणको :- सौ. ओमलता पटले
              (चाल:- श्रावण का महिना)
                          
साहित्यिक का ऋण, केतरा  आमरं पर
उत्थान करण पोवारीको,लेखणीला धार //धृ //

गाव वळद /कटंगटोला, तहसील आमगाव
सुखी समृध्द परिवार,माय लक्ष्मी बाई नाव
बाप देवाजी परिहार, दुकानदार/ कास्तकार//१//

तिन होता बहीनभाई, मा  मोठी शारदा बाई 
लहान ओमलता, ना स्वर्ग गएव महेश भाई
दुयच बहिणी रहि,पर से उनको मोठो परिवार//२//

बी.एस.सी.वरी शिक्षण,पुळ शिकनकी आस
५/५/१९ला बीह्या भएव, बोदलबोडी  निवास
पती   भेटेव  कृष्ण कुमार,से  पटले परिवार //३//

कुलमा सुंदर सुशील टुरी  वेदांशी ओको नाव
होतो जोँधरा पानपर दिस, असो ओको भाव
खुशालीको जिवन जग,उनको सुखको संसार//४//

ओमलता/ज्योती बाई ला छंद कविता को
सुंदर कर गीतगायन,झेंडा गाळ पोवारीको
छंद भजन गायन को सुसंस्कृत  संस्कार  //५//

उभरती   कवीयत्री,लेखिका,गायन गीत
रहे शीशपर सदा माय कालीकाको हात
याच रहे शुभकामना ,दे पोवारीला आधार //६//

              
डी पी राहांगडाले
      गोंदिया


सौ. ज्योती पटले

ज्योती जगमगाय रही से
आमरो समूह की जान
कृष्ण की राधा मनभावन
पटले परिवारकी से शान

स्वभाव इनको खडखड नदी
बहुमुखी प्रतिभा की धनी
मनको भाव नहीं लुकावत
भजन, नृत्य मा पारंगत बनी

सदा हासतो मुखमंडल
लाजवाब भाषण, संचालन 
घरदार की धुरा संभालसे
खिन नही लग चित्र बनावन

पाच भाई की बहनाई लाडकी
माहेर ईनको से भरेव पुरेव
पोवारी मा लेख लिखाण
भरभर आवसेत मनको बाहेर

असिच सदा हासत खेलत रहो
पोवारी की धूरकोरी बनो
गढकलिका को आशीर्वाद लक
पोवारी को खेतमा नित रमो

सौ छाया सुरेंद्र पारधी


अज की साहित्यिक
ओमलता कृष्णकुमार पटले
.  
ओमलता कृष्णा पटले 
ज्योती से टोपण नाव, 
वळद को आय माहेर 
बोदलबोडी से गाव. 

लक्ष्मीबाई ना देवाजी भाऊ 
आती माय ना बाप उनका, 
मोठी बहीण शारदा, दुर्गा 
सेती चार भाई बी उनका. 

वळद आमगाव गोंदिया मा 
भयी से उनकी पूरी पढाई, 
मन क् लगन लका उनन् 
बी. एस्सी. की डिग्री पाई. 

अनेक पुरस्कार मिल्या 
शिष्यवृत्ती मा भई सफल,
मेहनत मा से विश्वास 
वोको भेटसे उनला फल. 

भजन, डान्स को से छंद 
भाषण, संचालन मा अग्रेसर, 
वेदांशी की माय कहलावसे 
कविता बी करसेती सुंदर. 

. . . . . . . . . . . - चिरंजीव बिसेन
. . . . . . . . . . . . . . . . . गोंदिया


ज्योती पटले

मावशी मोरी ज्योती बाई
खासे चटणी को भेद्रा
मंझली माय उनकी लाडकी
नाव से उनको शुभद्रा

ब्रम्हा,विष्णु,महेश,शिव की
बहीण या बडी लाडकी
गुणी अना कर्तृत्ववान
चित्रकार से मोठी हाड की

माय को वाडा पुढं
महाबीर को मोठो मंदिर
किर्तन, भजन ,आरती
मोरो मावशीला आवसे सुंदर

सदा रवसे हसतमुख
भळभळ्या से स्वभाव
वेदांशी बेटी होनहार
नाहाय कोणतोच अभाव

सौ.वर्षा पटले रहांंगडाले
गोंदिया

ज्योती पटले
जगमग करती ज्योति 
बनी कृष्ण कि राधा
बहु गुनी बाई हे 
हुशार अति ज्यादा

तीन भाई कि लाडली
हसमुख से स्वभाव
भजन मा रमसे
ओमलता से नाव

पिता देवाजी परिहार
माय लक्ष्मी बाई
वळदकी टुरी गांव
बोदलबोडी बहु बनके आयी

नर्सरी को टूराइनला
करसेत शिक्षा को दान 
मायबाप कि गुनी बेटी
से बड़ी कर्तुत्वान

वेदांशि टुरी भयी 
से मोठी गुनवान
लहानसो उमर मा
होसे गुणगान

हासरो स्वभाव तुमरो 
सदा रहो खुश
वाघ्देवी कृपा कर
हासत रव मुख

स्वप्नाली दुर्गेश ठाकरे

 ओमलता पटले

लक्ष्मी देवाजी को घरं
प्रज्वलीत भई ज्योती
चांद सो सुंदर मुखडा
बहुगुणी  सें  अति

शारदा ओमलता महेश 
मायाप्रीत का बहिणभाई तीन
भाई को गम मा बहीण नं
धरिस अबोला भगवान सीन

वळद की कन्या
बी.एस.सी. भई
कृष्णकुमार की नैनूला
वेदांशी की आई

भजन गायनको
छंद सें तोला 
दे साहित्य को वारसा
पुढ्को पिढीला

पोवार की बेटी तू
लगावं पोवारी को नारा
पोवार समाजमा चमकजो
बनके उभरतो तारा

                 शारदा चौधरी 
                     भंडारा


ज्योती पटले


साहित्यकी जगमग ज्योती
तनया देवांगणा अन् देवाजीकी
बनी कृष्णकुमार की भार्या
आई कहलाई वेदांशिकी

बाल्यकाल पासून से गुणवान
कलागुनकी से वा खान
विद्याको  भेटेव असो   वरदान
स्कालरशिपमा मिळाईस मान

विद्यादान से सबसे मोठो दान
लहान बालक करीन सुजाण
सदा हसतमुख चेहरा तोरो
दुर करसे बाच्चाईनको ताण

माता गढकालिकी कृपा
सदा सर्वदा बनी रहो
पोवारिको उत्थान की
अशीच कास धरती रहो

सौ उषाताई रहांगडाले

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