माय सरसोती
कमलासिनी माय सरसोती ब्रह्मा को वरदान
तीन लोक का शब्द तोरो कारन धनवान।।
तीन लोक का शब्द तोरो कारन धनवान।।
श्वेत वस्त्र बिराजसे शुद्ध विचार को ध्यान
सप्तसुर झंकारसेती वीणा रुपी म्यान।।
सप्तसुर झंकारसेती वीणा रुपी म्यान।।
मोर, हंस कि तोरी संगत भूतदया को भान
चौसट कला धारिनी ब्रह्माड को अभिमान।।
चौसट कला धारिनी ब्रह्माड को अभिमान।।
दीन, दुकि अन अमिरी नहाय भेद ला स्थान
वसुंधरा को हर जीव तोला से कुटूम समान।।
वसुंधरा को हर जीव तोला से कुटूम समान।।
तोरो कारणही सदधर्म को खुलो भयी से दालन
चराचर मा तोरो वास सूक्ष्म रुप मा स्थापन।।
चराचर मा तोरो वास सूक्ष्म रुप मा स्थापन।।
सुहास्य, सुंदर ज्ञानयोगिनी कर सद्बुद्धी को दान
ताल, सूर मा फडकाय दे तू मानवता को निशाण।।
ताल, सूर मा फडकाय दे तू मानवता को निशाण।।
संगीत मा से शील, करुणा, सत्य-अहिंसा को गायन
प्रणाम तोला सरसोती माय मोरो शत शत नमन।।
प्रणाम तोला सरसोती माय मोरो शत शत नमन।।
वंदना कटरे "राम-कमल"
गोंदिया
15/03/2020
गोंदिया
15/03/2020
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