Sunday, March 15, 2020

काव्यस्पर्धा क्र. 1 "माय वाग्देवी सरस्वती वंदना"-वर्षा पटले रहांगडाले बिरसी (आमगांव) जील्हा -गोंदिया


माय वाग्देवी (माय सरस्वती)
नमो सरस्वती माय तोरी धन्य किर्ती
काया,वाचा,मन नही थकत कभी
लीला सेत माय तोरी अपरंपार सारी
तोरो शरण मा माय मी सेव दासी उभी।।
वंदन करूसु माय सरस्वती मी तोला
कला अना विद्या तु देसेस सबला
तोरीच मूर्ती मोरो मनमा बसीसे
तोरो चरण मा मस्तक ठेवसे या अबला।।
आम्ही सेजन तोरा बालक आब लहान
तोरोच क्रूपालका ग्यान जरा शीकबीन
ज्ञानदिप माय तु लगायेस धरतीपर
तोरो दयालका शिकके लायक होबीन।।
सदा प्रसन्न रव्ह तु देवी सरस्वती
करू मी माय तोरी भक्ती सदासर्वदा
करसेस पूरी आमरी हर मनोकामना
जवळ करसेस तु आमला माय सदा।।
तोरीच शक्ती,तोरीच भावभक्ती
तोरोच से गायन,तोरीच से ओठपर बोली
माय मोरी सरस्वती आशिर्वाद दे आमला
सदा भरी रव्हन दे आमरी खाली झोली।।
तोरो मंदिर मा सप्पा भक्तजनको
भरसे मेला यहा सुख अना शांतीको
भेद भाव नाहाय गरीब अना अमीरको
खुलो हमेशा से यहा दरवाजा विद्याको।।
✍ वर्षा पटले रहांगडाले
बिरसी (आमगांव)
जील्हा -गोंदिया

No comments:

Post a Comment

कृष्ण अना गोपी

मी बी राधा बन जाऊ बंसी बजय्या, रास रचय्या गोकुलको कन्हैया लाडको नटखट नंदलाल देखो माखनचोर नाव से यको!!१!! मधुर तोरो बंसीकी तान भू...