जातो
सकार को दरन ,
रवसे कोन को घरपर,
माय बेटी दर सेति
सात खंड को माडी पर,
जातो परबसी मी ,
संग मोरो सासूबाई ,
करो तुम्ही लगबग
कहाडो घाम सासूबाई ,
सुंदर मोरो जातो से,
फिरसे गरगर,
पिठ दरुसू ओकोमा ,
लगसे बहुत चवदार,
बाई दरन दरेव ,
जसो चंदन पीसेव,
आई बहीण ला पुसेव
कसो समय कटेव,
पुरानो जमानो मा दरन
को काम आव जातो,
किसान रव या रव जमीनदार
जातो पर दरेवं च पीठ खात होतो,
मुकुंद रहांगडाले
(हरी ओम सोसायटी दत्ता वाडी नागपूर )
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