मातृ शक्ति
हर घर मा सबको जवर नहीं रय सक ईश्वर।
मनूंन ईश्वर न सबला देईसेस माय नाव को वर।।
जेकी महती गाता थक जायेत् दुनिया का शब्द।
मायकी शक्तिको सामने जुड़ जासेत् सबका कर ।।
बच्चा साती उतरसे हिरकनी उचो बुरूज लक पर।
मातृशक्ति पर नतमस्तक होसेत हर नारी अना नर।।
याद आवसे आमला माता जिजाऊ को शिक्षण।
घडेव शिवबा संस्कारित माताला नई दुजी सर।।
झासी की रानी लक्ष्मीबाई लढी वा खूब मर्दानी।
शत्रुको करीस मुकाबला पुत्रला पाठ पर बांधकर ।
सिंधुताई सपकाळ त से मातृत्व को निर्मल झरा।
शेकडो बेटा इनला देईस माय को अनमोल घर।।
मदर टेरेसा जिनकी महती गावं से देशविदेश।
तारणहार बन गई गरीब, अनाथ, बिमारकी हर।।
महती गावता गावता माय की कम पड़ गया शब्द।
हर मायला नमन जेको अस्तित्वलक चलसे जग।।
- सौ. छाया सुरेंद्र पारधी
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