Saturday, April 4, 2020

जय जय राजाभोज


(चाल:- अंजणीच्या सुता तुला रामाचे वरदान.....) 

सिंधुल को बेटा, तोरो मालवामा राज
एक मुखलक बोलो रे बाबा
जय जय राजाभोज

पोवार को राजा, तोला सोनोको से ताज
एक मुखलक बोलो रे बाबा
जय जय राजाभोज

कला गुणको राजा, तोरो साहित्यमा राज
एक मुखलक बोलो रे बाबा
जय जय राजाभोज

रण मैदानमा होतो, तोर् समशेर को राज
एक मुखलक बोलो रे बाबा
जय जय राजाभोज

पोवार पुजसे तोला, वक हिरदयमासे राज
एक मुखलक बोलो रे बाबा
जय जय राजाभोज
*****
-डॉ. शेखराम परसरामजी येळेकर नागपूर २८/३/२०२०

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